रविदासिया समाज बंधुओं को महत्वपर्ण सूचना
भाई और बहनों -
1) हमारा धर्म बदल भी गया तो हमारी अनुसूची की जाति कायम
है.
2) जाति की आवश्यकता है तब तक जाति
हमारे कागजात, सरकारी रिकार्ड पर, जाति
संबंधी जानकारी कायम रहने से अनुसूचित जाति के नाम पर मिलने वाली सभी सहूलियतें,
सामाजिक, शैक्षणिक लाभ, राजकीय
आरक्षण सभी संबैधानिक अधिकार मिलते रहेंगे
3) इससे रोज के
व्यवहार में, परिचय देते समय, शादी-विवाह
में, जाहिर भाषण करते समय, कहानी-उपन्यास,
वीर रस के गीत, कविता लिखते समय, गाते समय अपने समाज का उल्लेख रविदासिया समाज ऐसा ही करें.
4) अपने घर परिवार में जन्मे हुए शिशु के अस्पताल, नगरपालिका
में नाम दर्ज करते समय, बालवाडी या प्राईमरी स्कूल छोटे
बच्चों को दाखिल करते समय और जहां-जहां छोटे बच्चों के धर्म व जाति का रिकार्ड
करना जरूरी है वहां-वहां धर्म रविदासिया और अपनी चांभार, ढोर,
माला, मादिगा, मोची,
चमार, परमार, समगर,
रेगर व अन्य अनुसूचित जाति के जो जिस जाति के हैं उसका उल्लेख करें
5)
और जिन बच्चों के उल्लेख पहले से ही हुए है उससें कोई भी बदलाव न
करें
6) उसी तरह इससे पूर्व निकाले गए जाति प्रमाणपत्रों,
स्कूल के दाखिले, राशनकार्ड के हिन्दू धर्म व
जाति सबंधी लिखावट को बदलने की आवश्यकता नहीं है.
7) इससे
आगे जब कभी अर्थात भारत की जनगणना में अपना धर्म रविदासिया व अनुसूचित अपनी जाति
का उल्लेख कराएं.
8) कालांतर के बाद भारतीय समजा व्यवस्था
में रविदासिया धर्म प्रस्तावित होकर रविदासिया समाज एक संघ होने पर चमार, ढोर, माला, मादिग, मोची, चमार, परमार, रेगर आदि जाति वाचक नाम अपने आप समाप्त हो जाएंगे.
9) एक ही रविदासिया समाज की पहचान निर्माण होगी. आगे की पीढियों को स्वतंत्र
धार्मिक पहचान, समान सामाजिक दर्जा, सामाजिक
राजकीय साख एंव प्रतिष्ठा प्राप्त हो जाएगी.
यह प्राप्त करने के लिए
1) गांव खेडे में अप्लसंख्यक क्षेत्र
के चर्मकार समाज तहसील स्तर पर चर्मकार समाज से जोडने होंगे 2) तहसील स्तर पर संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के चर्मकार समाज एकत्रित करने से
समाज का एकसंघ तैयार होगा 3) इसी संघ की स्वतंत्र रविदासिया
समाज पंचायत समिती प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थापन करनी होगी. 4) संपूर्ण भारत के राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की रविदासिया समाज पंचायत
समितियां अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संघटन से जोडा जाएगा. 5) इसी तरह संपूर्ण भारत के चर्मकार समाज भाईयों को रविदासिय धर्म का सुरक्षा
कवच अपने आप ही मिल जाएगा. 6) इससे चर्मकार समाज मन में
अल्पसंख्यक होने का डर समाप्त हो जाएगा और मन का खौफ नष्ट हो जाने से मनुष्य के
प्रगति के बंद दरवाजे अपने आप खुल जाते है.
चलो उठो रविदासिया समाज पंचायत साम्ोती का
गठन अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में करे.
1) रविदासिया पंचायत समिती यह एक
प्रकार से जाति पंचायत होगी.
2) संपूर्ण भारत के प्रत्येक
विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक समिती होगी.
3) यह समिती
विधानसभा क्षेत्र के समाज भाईयों में रविदासिया धर्म फैलाने का काम करेगी.
4)
यह कमेटी, विधान सभा क्षेत्र के समाज भाईयों
का डाटा जमा करेगी.
5) विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जमा किया
डाटा एकत्रित कर अगली कमेटी पांच वर्षो के लिए चुनी जाएगी.
6) रविदासिया समाज पंचायत के सदस्य, पदाधिकारी किसी भी
स्थिती में हिन्दू धर्म, श्रद्धा अंधश्रद्धा, रुढि, परम्परा, देवी-देवताओं
पर टिपण्णी नही करेंगे.
7) सवर्ण हिन्दू समाज व रविदासिया
समाज के बीच द्वेष, दूरी निर्माण हो ऐसा कोई भी आचरण समिती
सदस्य नहीं करेंगे.
8) रविदाससिया धर्म प्रचार-प्रसार का काम
केंद्रीय व राज्यस्तरीय कमेटी व हमारे धर्म के धर्म गुरू द्वारा ही की जाएगी.
9)
गुरू रविदास महारजजी की जयंती साल में एक बार एक ही दिन माघ
पूर्णिमा रविदासिया समाज पंचायत समिती के मुख्यालय में सभी समाज भाईयों की
उपस्थिती में मनाई जाएगी.
1०) कालांतर के बाद रविदासिया समाज
पंचायत समिति के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक रविदासिया भवन निर्माण किया
जाएगा व वह हमारे समाज का स्थानीय धर्म संघ व विचारपीठ होगा.
11) रविदासिया समाज पंचायत समिति उनके विधानसभा क्षेत्र के चर्मकार समाज की
सभी जातियों के लोगों की जानकारी - कुल, जनसंख्या, कुल, मतदाता संख्या, सूची व
मतदाता अनुक्रमांक के रूप में जमा करेगी.
12) प्रत्येक
परिवार की आíथक, शैक्षणिक व व्यवसायी डाटाबेस
जानकारी जमा करने का काम किया जाएगा.
जय रविदास ! जय भीम !! जय गुरुदेव !!!
लेखक - श्री. अच्युतराव भोईटे (बी.कॉम एम.बी.ए.)
अध्यक्ष - गुरू रविदास धर्म सभा
अध्यक्ष (महाराष्ट्र प्रदेश) अखिल भारतीय
रविदासीया धर्म संघटन
मो. नं. 987०58०728
Tags : रविदासिया सर्वश्रेष्ठ धर्म, जय रविदास ! जय भीम !! जय गुरुदेव !!!, Achutrao Bhiyite, अच्युतराव भोईटे, Ravidasiya Samaj,
excellent . jai gurudeo
ReplyDeleteRAVIDASIA DHARM SE HI WORLD KE CHAMAR ORGANISE HO SAKTE HAI.
ReplyDeletejai guru ravidass.. jai bhem.. jai gurudev
ReplyDeletejai guru ravidass.. jai bhem.. jai gurudev
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